रविवार, 28 सितंबर 2025

Birth Anniversary of Bhagat Singh भगत सिंह: ‘मत समझो पूजे जाओगे क्योंकि लड़े थे दुश्मन से!’

 वाकया तो खैर 1948 का है यानी 77 साल पुराना, लेकिन इस लिहाज से उल्लेखनीय है कि हमारे आज के सत्ताधीश, जो अब शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की याद और समाजवादी समाज व्यवस्था की स्थापना के अरमान से इस वाकये में वर्णित सलूक से भी बुरा बरत रहे हैं, तब न सिर्फ उस सलूक के मुखर आलोचक थे, बल्कि भगत सिंह को ‘अपने रंग में रंगकर’ अपनाने की अनेक सच्ची झूठी कवायदें भी किया करते थे. बहरहाल, पहले वाकया जान लेते हैं.

अखिल भारतीय किसान सभा के संस्थापक और देश में किसान आंदोलनों के जनक स्वामी सहजानंद सरस्वती उन दिनों के लोकप्रिय गीतकार शैलेंद्र के साथ शहीद-ए-आज़म के शहादत दिवस पर पंजाब के जालंधर में आयोजित एक सभा में भाग लेने जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रेलवे स्टेशन पर ही रोक लिया और कहा कि चूंकि शहर में निषेधाज्ञा लगा दी गई है, इसलिए उन्हें सभास्थल नहीं जाने दिया जा सकता.

इस पर सहजानंद सरस्वती ने शैलेंद्र की ओर देखकर कहा, ‘देखो तो सही, सत्ता में आते ही मदांध हो गए काले अंग्रेज जन-दमन में गोरों को भी मात कर देना चाहते हैं.’ फिर उन्होंने पुलिस के सिपाहियों से कहा कि या तो वे उन्हें सभास्थल तक जाने दें या निषेधाज्ञा तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लें. Read more

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